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    गणतंत्र दिवस पर भारत को दहलाने की साजिश नाकाम, पाकिस्तान में रची जा रही थी दिल्ली में हमले की योजना

    By AgencyEdited By: Shyamji Tiwari
    Updated: Wed, 18 Jan 2023 03:04 PM (IST)

    Delhi Terrorist दिल्ली से गिरफ्तार हुए दो संदिग्ध आतंकियों का पाकिस्तान से संबंध था। पाकिस्तान के हरकत उल अंसार ने दिल्ली में गणतंत्र दिवस से पहले बड़े हमले की योजना बनाई थी। दिल्ली पुलिस की जांच में य बड़ा खलासा हुआ।

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    हरकत उल अंसार ने दिल्ली में गणतंत्र दिवस से पहले बड़े हमले की योजना बनाई थी।

    नई दिल्ली, एएनआई। दिल्ली में गणतंत्र दिवस से पहले पाकिस्तान के हरकल उल अंसार संगठन ने आतंकी हमला करने का प्लान बनाया था। जांच में खुलासा हुआ कि दिल्ली से गिरफ्तार दो संदिग्ध आतंकवादी कम से कम चार व्यक्तियों के सीधे संपर्क में थे। इनका संबंध पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन हरकत-उल अंसार और हिजबुल मुजाहिदीन से संबंध था।

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    हरकत-उल-असांर के संपर्क में थे दोनों

    दिल्ली पुलिस के मुताबिक नौशाद अली और उसका सहयोगी जगजीत सिंह उर्फ ​​जग्गा दोनों हरकत-उल अंसार संगठन के नजीर भट, नासिर खान और नजीर खान और हिज्बुल मुजाहिदीन के नदीम के संपर्क में थे। इन दोनों को  भारत और कनाडा में आतंकी गतिविधि को अंजाम देने के लिए लगाया गया था।

    दिल्ली पुलिस ने पहले भी गैंगस्टर-आतंकवादी मॉड्यूल पर कार्रवाई की थी, जिसके बाद एनआईए ने भी गैंगस्टरों के खिलाफ यूएपीए के तहत मामले दर्ज किए थे। जिन गैंगस्टर्स के खिलाफ यूएपीए लगाया गया है, उनमें लॉरेंस बिश्नोई, गोल्डी बराड़, विक्रम बराड़, नीरज बवानिया, टिल्लू ताजपुरिया, सुखप्रीत और दिलप्रीत व अन्य शामिल हैं।

    गणतंत्र दिवस से कुछ दिन पहले खुलासा 

    दिल्ली में गणतंत्र दिवस समारोह से कुछ दिन पहले खुलासे हुए हैं, जहां इस आयोजन के लिए सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पुलिस ने पाया है कि ये दोनों सुनील राठी, नीरज बवाना, इरफान छेनू, हाशिम बाबा, इबल हसन और इमरान पहलवान जैसे कुछ गैंगस्टर्स के संपर्क में थे। 

    दिल्ली पुलिस ने कहा था कि गिरफ्तार किए गए दोनों आतंकवादियों को दक्षिणपंथी हिंदू नेताओं पर हमले करने का काम सौंपा गया था। जांच में खुलासा हुआ कि नौशाद अली और जगजीत सिंह के इतिहास की जांच से पता चलता है कि गैंगस्टरों और सीमा पार आतंकवादी समूहों के बीच मिलीभगत थी। 

    1996 में नौशाद ने अब्दुल्ला शेरवानी की थी हत्या

    सूत्रों के अनुसार नवंबर 1996 में नौशाद ने 2.25 किलोग्राम आरडीएक्स और 11.5 लाख रुपये के लिए असम के एक अब्दुल्ला शेरवानी की गोली मारकर हत्या कर दी थी। जांचकर्ताओं ने एएनआई को बताया है कि शेरवानी से बरामद आरडीएक्स और पैसा, नौशाद के करीबी सहयोगी और पाकिस्तान स्थित आतंकी मॉड्यूल हरकत-उल अंसार के एक सक्रिय सदस्य नदीम से चुराए गए थे।

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    इस मामले में नौशाद अली और नदीम दोनों पर हत्या और विस्फोटक अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था. एक अन्य आरोपी कश्मीर से बिलाल सिद्दीकी, जो आरडीएक्स आपूर्ति में शामिल था, को बाद में गिरफ्तार कर लिया गया।

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